
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को यहां आकर सिर्फ सड़कें और भवन ही नहीं, धार्मिक आस्था का कायाकल्प भी घोषित कर दिया। उन्होंने ₹1,515 करोड़ की 528 विकास परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण किया, लेकिन असली सुर्खी बटोरी — बाबा तामेश्वरनाथ धाम को काशी-अयोध्या जैसा भव्य रूप देने की घोषणा ने।
तेज प्रताप: निष्कासित, पर विवादों की यूनिवर्सिटी में अभी दाख़िला चालू है!
काशी-अयोध्या के बाद अब तामेश्वरनाथ: अगला टूरिज्म हॉटस्पॉट?
सीएम योगी ने कहा कि बाबा तामेश्वरनाथ धाम का कायाकल्प सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने अफसरों को सख्त निर्देश दिए कि कार्ययोजना जल्द बने और पुनर्वास की व्यवस्था सम्मानजनक हो — यानी गोसाईं भी रहेंगे, और दुकानें भी चलेंगी।
“किसी को उजाड़ा नहीं जाएगा, बल्कि व्यवस्थित पुनर्वास किया जाएगा।” — योगी आदित्यनाथ
इसका सीधा मतलब ये कि कोई “बलपूर्वक ध्वस्तीकरण” नहीं होगा, बल्कि “नव-संस्कृति के नाम पर सौम्य स्थानांतरण” किया जाएगा।
₹1,515 करोड़ के वादे में सब कुछ — सड़क से धाम तक
घोषित 528 परियोजनाओं में क्या-क्या है?
-
सड़कें, पुल, जल जीवन मिशन
-
स्वास्थ्य केंद्र, स्कूल और स्टेडियम
-
स्मार्ट शहर की तर्ज़ पर नगर भवन
-
और हां, बाबा तामेश्वरनाथ धाम, जो इस पैकेज का “भावनात्मक केंद्र” है
यानी एक ही बजट में भक्ति + विकास + वोट — एक साथ कवर!
सांस्कृतिक पहचान, चुनावी बहाना?
सीएम ने कहा कि बाबा तामेश्वरनाथ धाम सांस्कृतिक और आध्यात्मिक पहचान का प्रतीक बनेगा। हालांकि, आलोचकों का कहना है कि हर चुनाव से पहले किसी न किसी धाम का पुनरुद्धार “राजनीतिक संकल्प” बन जाता है।
क्या बाबा तामेश्वरनाथ भी 2027 की तैयारी का ट्रेलर हैं?
पुनर्वास और रोजगार – वादा पुराना, उम्मीद नई
सीएम योगी ने रोजगार की बात भी की —
“धाम बनने के बाद जिले की स्थिति बदलेगी, रोज़गार बढ़ेगा।”
टैबलेट, मकान की चाबी, चेक और वादों की पूरी झड़ी के साथ यह कार्यक्रम पूरी तरह डिज़िटल इमोशनल कनेक्शन वाला बन गया।
Insta-ready धाम की तैयारी शुरू!
बाबा तामेश्वरनाथ धाम जल्द ही उस लिस्ट में होगा जहां सेल्फी, reels और drone shots की भरमार होगी।
काशी के कॉरिडोर, अयोध्या के दीपोत्सव और अब तामेश्वरनाथ की तैयारी — यूपी में आध्यात्मिक टूरिज्म का नया चक्र शुरू हो चुका है।
संत कबीर नगर अब सिर्फ कबीरपंथियों का ठिकाना नहीं, बल्कि योगी मॉडल टूरिज्म का नया पड़ाव बनने जा रहा है।
काशी की तरह गलियां चमकेंगी, अयोध्या की तरह ध्वनि शो होंगे और बाबा तामेश्वरनाथ के नाम पर नए जुमलों की आहट सुनाई देने लगी है।
धाम बने या ध्वनि, दोनों से वोट ज़रूर निकलते हैं।
लालू का लाल प्यार में, बाप गुस्से में, बहू बोले- ये सब है “राजनीतिक ड्रामा”!